गोवा में स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे का हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वो गोवा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सीएमओ डॉक्टर रुद्रेश कुट्टीकर को फटकार लगाते दिखाई दिए थे. हालांकि, अब मामला सामने आने के बाद डॉक्टर ने अपनी सफाई पेश की है. साथ ही मंत्री से अस्पताल में ही माफी मांगने की मांग की है.
दरअसल, मंत्री ने इस मामले के बाद सोमवार को डॉक्टर से माफी मांगी थी. लेकिन डॉक्टर ने उनकी इस माफी को खारिज कर दिया और जोर देकर कहा कि माफी उस अस्पताल में ही मांगी जानी चाहिए जहां उन्हें पहली बार अपमानित किया गया था.
क्या था पूरा मामला?
डॉ. कुट्टीकर ने शनिवार को एक पत्रकार की सास को कथित तौर पर अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में उनको विटामिन बी12 का इंजेक्शन नहीं लगाया था. साथ ही डॉक्टर ने पेशेंट को प्राइमरी हेल्थ सेंटर जाने के लिए कहा था. इसी को लेकर स्वास्थ्य मंत्री को गुस्सा आ गया था और वो अस्पताल पहुंच गए.
राणे ने सीनियर डॉक्टर को फटकार लगाई, जिसका वीडियो भी सामने आया. वायरल वीडियो में मंत्री ने डॉक्टर को इमरजेंसी विभाग में अपमानित किया. साथ ही उनके स्सपेंशन की घोषणा की और उन्हें शनिवार को घर जाने को कहा. हालांकि, अगले दिन मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने निलंबन वापस ले लिया. इसी के बाद मंत्री राणे ने यह भी स्वीकार किया कि डॉक्टर के साथ बात करने में उनकी टोन सही नहीं थी और उनके शब्द और भी नपे तुले हो सकते थे.
मंत्री राणे ने मांगी माफी
रविवार शाम तक, राणे ने एक क्षेत्रीय समाचार चैनल के साथ एक इंटरव्यू में डॉक्टर और उनके परिवार से अपने आचरण के लिए माफी मांगी. सोमवार की सुबह, राणे ने माफी मांगते हुए कहाजीएमसी के दौरे के दौरान मैंने जो कठोर शब्दों का इस्तेमाल किया उसके लिए मैं डॉ. रुद्रेश कुट्टीकर से खुले दिल से माफी मांगी. उस वक्त मेरी भावनाएं मेरी अभिव्यक्ति पर हावी हो गईं और जिस तरह से मैंने हालात को देखा और कहा उस पर मुझे गहरा अफसोस है. किसी भी डॉक्टर की गरिमा को कम करना या उसका अनादर करना मेरा इरादा कभी नहीं था.
डॉक्टर ने मामले पर क्या कहा
डॉक्टर ने बताया कि 7 जून को अस्पताल के इमरजेंसी डिपार्टमेंट में किसी पेशेंट का रिश्तेदार उनसे विटामिन B12 का इंजेक्शन मांग रहा था. उन्होंने कहा वो एक इमरजेंसी इंजेक्शन नहीं था. इसीलिए वो इमरजेंसी विभाग में नहीं था.
डॉक्टर ने कहा, विटामिन बी 12 इंजेक्शन एक इमरजेंसी इंजेक्शन नहीं है, इसलिए उन्हें ओपीडी या नजदीकी पीएचसी में जाना पड़ता है. इमरजेंसी विभाग गोवा के लिए हाई लेवल के इमरजेंसी हालात का इलाज करता है, जहां सिर्फ गंभीर पेशेंट का इलाज किया जाता है.
डॉक्टर ने आगे कहा, आजकल, जीएमसी इमरजेंसी विभाग में मामूली मामले भी आ रहे हैं. यह प्रोटोकॉल है कि सिर्फ गंभीर मामलों को ही देखा जाना चाहिए. एक नियमित इंजेक्शन कभी भी आपातकालीन नहीं होता है.
डॉक्टर ने क्या मांग की
डॉक्टर ने कहा, हम मांग करते हैं कि मंत्री राणे को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए, मंत्री को कैजुअल्टी विभाग में आना चाहिए और माफी मांगनी चाहिए. अगर हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो हम हड़ताल पर भी जा सकते हैं.